GAYA:बड़ी मशक़्क़त के बाद मनोरमा देवी को अपने देवर और गया ज़िला परिषद के उपाध्यक्ष डॉ.शीतल प्रसाद यादव का आख़िरकार साथ मिल गया.दोनों परिवार के बीच दूरियां ख़त्म होते ही बेलागंज से जदयू प्रत्याशी मनोरमा देवी के ख़ेमा में ऊर्जा दौड़ गयी है.शीतल यादव ने भाभी मनोरमा देवी की तरफ़ से बेलागंज उपचुनाव की कमान सम्भाल ली है.गांव-गांव,क्यारी-क्यारी स्तिथि को सम्भालते जा रहे हैं शीतल यादव.उनसे जदयू प्रत्याशी मनोरमा देवी को काफी बल मिला है.
पूरे परिवार ने सम्भाल लिया मोर्चा
पूरा परिवार अलग-अलग मोर्चा सम्भाल रहा है.मनोरमा देवी मुख्य सभाओं में शामिल हो रही हैं तो उनके सुपुत्र रॉकी यादव की टीम अलग से लगी है,अब शीतल यादव भी भाभी को इस बार विधानसभा भेजने की ज़िद के साथ मैदान में उतर गये हैं.मुक़ाबला सुरेन्द्र प्रसाद यादव से है.लड़ाई विरासत की है.पैंतीस साल से सुरेन्द्र प्रसाद यादव यहां राज कर रहे हैं.इस बार उनके बेटे डॉ.विश्वनाथ यादव राजद के प्रत्याशी हैं.सुरेन्द्र प्रसाद यादव के इतिहास का अब तक के सबसे कड़ा संघर्ष है.मनी,मसल,मास में दोनों मज़बूत हैं.लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर है.शीतल यादव ने आख़री वक़्त में राजद से पलटी मार कर लड़ाई को मज़ेदार बना दिया है.मालूम हो कि शीतल यादव राजद में थे.परिवार की ख़ातिर उन्होंने पार्टी को त्याग दिया.तब से जदयू में नई जान आ गयी है.हालांकि,उन्होंने अभी जदयू जोईन नहीं किया है.
मनोरमा देवी का दावा
मनोरमा देवी ने दावा किया है कि वह चुनाव जीतेंगी क्योंकि जनता इस बार परिवर्तन चाहती है. उन्होंने कहा, “विधानसभा में माहौल क्या चल रहा है यह तो जनता ही बताएगी. लेकिन, माहौल काफी अच्छा चल रहा है. “मैं विधानसभा में घूम रही हूं. यहां पर बीते 35 साल से जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है. नाली, सड़क, पीने के लिए स्वच्छ जल नहीं है. बेलागंज की जनता अगर मुझे अपना समर्थन देती है तो हम सबसे पहले उन्हें मान-सम्मान देने का काम करेंगे. हालांकि, मैं हमेशा यहां की जनता के साथ संपर्क में रहती हूं. सीट जीतने के बाद क्षेत्र की जनता जो भी कार्य बताएगी उन्हें पूरा कराने के लिए मैं तत्पर रहूंगी.”