DELHI:
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के संविधान संरक्षण सम्मेलन में मौलाना अरशद मदनी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रा बाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों को चेताया और कहा, ”वक्फ बिल एक जरूरी मुद्दा है. हुकूमत जिन बैसाखियों पर चल रही है, उनमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को दावत देता हूं कि मुसलमानों के जज्बात इससे कितना जुड़े हैं, ये वो अपने बंगलों में बैठ कर कभी नहीं समझ सकते.”
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अगर ये कानून पास हो गया तो फिर जिन बैसाखियों पर बैठकर मुल्क में बीजेपी हुकूमत कर रही है तो उनकी भी जिम्मेदारी होगी. इस बिल के अंदर जहर पड़ा है.
केंद्र की सत्ता में भागीदार नायडू का जिक्र करते हुए मौलाना मदनी ने कहा, ”मैं नायडू का शुक्रिया अदा करता हूं. बीजेपी की हुकूमत को मुल्क के लोगों ने हरा दिया, लेकिन दो बैसाखियों पर बीजेपी की हुकूमत बैठी है.नवाब जान, TDP के वाइस प्रेजिडेंट को नायडू साहब ने यहां(सम्मेलन में)भेजा है, जो यहां की बात को उनको बताएंगे. इस महीने के आखिर में हम 15 दिसंबर को नायडू के क्षेत्र में 5 लाख मुसलमानों को इकट्ठा करेंगे.’
उन्होंने यह भी दावा किया कि जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की तरफ से 24 नवंबर को पटना में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ एक बड़े जलसे का आयोजन किया जाएगा. इसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी शामिल होंगे.
इससे पहले शनिवार (2 अक्टूबर 2024) को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा था कि अगर मुसलमान विधेयक में संशोधन नहीं चाहते हैं तो इसे दरकिनार कर देना चाहिए. एआईएमपीबी के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलूर्रहीम मुजद्दीदी ने बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, महज 13 दिन में 3.66 करोड़ से ज्यादा मुसलमानों ने ईमेल के जरिए वक्फ संशोधन विधेयक पर अपना विरोध जताया है. जब मुसलमान इस विधेयक को नहीं चाहते हैं तो सरकार को इसे दरकिनार कर देना चाहिए.