आरसीपी की पार्टी लॉन्‍च् होते ही मिल गये 140 उम्मीदवार,नाम रखा ‘ASA’ “आप सबकी आवाज”

PATNA:

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने दावा किया है कि 140 लोग अभी ही हमारी पार्टी से चुनाव लड़ने को तैयार हैं.हमारा संगठन प्रखंड स्तर से लेकर जिला, राज्य स्तर तक होगा। हम मिस कॉल से लोगों को अपने संगठन से जोड़ेंगे.गुरुवार को पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने अपनी नई पार्टी का ऐलान किया.पार्टी का नाम ‘आसा’ रखा यानी आप सब की आवाज़.पार्टी के झंडे में 3 रंग होंगे.झंडे में सबसे ऊपर हरा, बीच में पीला, नीचे नीला रंग होगा.आरसीपी सिंह ने कहा कि ‘जब चुनाव आयोग हमें पार्टी सिंबल देगा तो बीच के पीले रंग वाले हिस्से में पार्टी का लोगो काले रंग से आएगा.

नीतीश के साथ आरसीपी सिंह(फ़ाइल फ़ोटो)

नीतीश के NDA में वापसी बना पार्टी लॉन्‍च् करने का कारण

आरसीपी सिंह यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनका काफी पुराना सम्बन्ध रहा है.नीतीश कुमार जब रेल मंत्री थे तब से वे उनके साथ काम कर रहे थे.नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के सचिव के तौर पर काम करते रहे.बाद में नीतीश कुमार ने उन्हें राज्यसभा भेजा.आरसीपी मोदी सरकार में केंद्र में मंत्री भी बने, लेकिन बाद में नीतीश कुमार और ललन सिंह से संबंध खराब होने के बाद दूरी बढ़ती गयी.इसके बाद आरसीपी सिंह ने बीजेपी ज्वाइन कर लिया.लेकिन नीतीश कुमार के फिर से NDA में आने के बाद से आरसीपी सिंह बीजेपी में भी अलग थलग पड़ गए.आख़िरकार उन्होंने अपनी नयी पार्टी बनाने की तैयारी शुरू कर दी और आज नई पार्टी का ऐलान कर दिया.

संगठन चलाने का अनुभव,जदयू में करेंगे सेंधमारी

आरसीपी बिहार विधानसभा चुनाव से साल भर पहले अपनी पार्टी लॉन्च कर रहे हैं.वे जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए राजनीतिक पार्टी कैसे चलती है.इसका काफी अनुभव है.नीतीश कुमार के कामकाज के तरीके को भी उन्होंने काफी नजदीक से देखा है.आरसीपी और नीतीश का साथ जब खत्म हुआ, तब दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को क्या-क्या नहीं कहा था.सबसे बड़ी बात तो यह कि जेडीयू के ब्लॉक स्तर के नेता ने गंभीर आरोप लगाया और जेडीयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने आरसीपी सिंह को शोकॉज नोटिस जारी कर दिया था.

शराबबंदी पर चाहते हैं सख़्ती,स्कूल टाइमिंग पर भी उठाये सवाल

आरसीपी ने शराबबंदी पर प्रशान्त किशोर से अलग राय रखते हैं.उन्होंने शराबबंदी ख़त्म करने की बात नहीं कही बल्कि इसमें सख़्ती चाहते हैं.शराबबंदी पर एक कमिटी बने और ख़ामियां दूर की जाये,उनकी आसा की सोच जन सुराज से अलग है.प्रशान्त किशोर ने सरकार बनते ही शराबबंदी ख़त्म करने की बात कही है.आरसीपी सिंह शराब बंदी पर थोड़े सम्भले नज़र आते हैं.आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि ‘शराबबंदी को लेकर एक कमेटी बनाई जाए.शराबबंदी से भारी नुकसान हो रहा है.शराबबंदी लागू तो हुई है, लेकिन सही तरीके से काम नहीं किया जा रहा है.जहां पर भी खामियां हैं मीटिंग कर कर इसे दूर किया जानाचाहिए.’शराबबंदी का बिहार में बुरा हाल है.नशे का कारोबार फल-फूल रहा है.शराब से लोगों की मौत हो रही है.शराब की होम डिलीवरी हो रही है.सरकार चुप है.आरसीपी सिंह ने कहा कि ‘क्या नीतीश कुमार सुबह 5 बजे कभी स्कूल गए हैं.अगर नहीं गए हैं तो फिर शिक्षकों को क्यों सुबह 5 बजे अटेंडेंस के लिए बुलाते हैं। हम इसमें बदलाव करेंगे.

पटना के सड़कों पर लगा यह पोस्टर

‘आसा’के लिए आज का ही दिन क्यों चुनाव?

आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है.पटेल गुजरात के लेवा पाटीदार जाति से आते हैं, जिसे बिहार में कुर्मी कहा जाता है.उन्होंने ये दिन इसलिए चुना.आरसीपी के नई पार्टी बनाने की घोषणा से राजनीतिक गलियारों में नफा-नुकसान का आंकलन हो रहा है.कुछ जानकार आरसीपी के इस कदम से नीतीश कुमार के नुकसान की बातें कह रहे हैं.वहीं, कुछ इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं.नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह दोनों की जाति कुर्मी है. दोनों का गृह क्षेत्र नालंदा है.असल लड़ाई कुर्मी राजनीति की विरासत बचाने की है.

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