• संतोष कुशवाहा ने सिविल सर्जन के मान सम्मान की उड़ाई धज्जियां
• प्रोटोकॉल को ताक पर रख सिविल सर्जन की कुर्सी पर ही हो गये विराजमान.
•गये थे सदर अस्पताल में अपने निजी कोष से मेडिकल किट प्रदान करने
•विपक्ष का आरोप:जदयू के जनप्रतिनिधियों ने अब शुरू कर दिया है धौंस व रुआब
सीमांचल ( अशोक / विशाल ) पूर्णिया में जदयू के सांसद संतोष कुशवाहा लॉक डाउन के 16वें अचानक प्रकट हुए और पहुंच गए पूर्णिया सिविल सर्जन ऑफिस .साथ में धमदाहा की जदयू विधायक लेशी सिंह भी थीं .सांसद ने सिविल सर्जन को अपने निजी कोष से मेडिकल किट प्रदान किया .लेकिन इस क्रम में सांसद ने सत्ता की हनक को प्रदर्शित करते हुए प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई और सिविल सर्जन की कुर्सी पर बैठ गए तथा सिविल सर्जन को कोरोना के संदर्भ में आवश्यक दिशा निर्देश देने लगे.
बेचारे सिविल सर्जन डॉ मधुसुदन प्रसाद उस दौरान सांसद की जी हुजूरी करते हुए अपनी कुर्सी के सामने की कुर्सी पर आसीन रहे .बगल में जदयू की विधायक लेशी सिंह बैठी थीं.अब इसे सत्ता की हनक कहे या कुछ और.. जिस कुर्सी पर कार्यालय में अधिकारी को बैठना चाहिए था, उस कार्यालय के सबसे बड़े अधिकारी की कुर्सी पर सारी मर्यादा तोड़कर सत्ता के नशे में चूर पूर्णिया के जदयू सांसद बैठ गये तो यह बात जंगल में लगी आग की तरह विरोधी पक्ष के राजनीतिक गलियारों तक जा पहुंची
कांग्रेस के जिला महासचिव गौतम वर्मा का कहना है कि प्रोटोकॉल के हिसाब से सिविल सर्जन सांसद महोदय के आने पर कुर्सी से उठकर उनका शिष्टाचार के नाते स्वागत कर सकते हैं.यहाँ तक कि उन्हें शिष्टाचार के नाते छोड़ने उनकी गाड़ी तक जा सकते है लेकिन , जहाँ तक कुर्सी पर बैठने का सवाल है तो एक बड़े अधिकारी के कुर्सी पर सांसद को बैठने का अधिकार बिल्कुल ही नहीं है .उन्होंने स्पष्ट कहा है कि यह सरासर एक अधिकारी के मान सम्मान का हनन है.