मंथन डेस्क

PATNA:विवादास्पद संगठन पीएफआई पर पांच साल का प्रतिबंध लगने के बाद बिहार की सियासत में उबाल आ गया है.अब राजनीतिक दल के लोग आरएसएस पर भी बैन की मांग कर रहे हैं.लालू प्रसाद ने आरएसएस को पीएफआई से भी बदतर संगठन बताया है.श्रवण कुमार ने पीएफआई की तरह आरएसएस और बीजेपी पर भी मांग कर डाली है.ललन सिंह ने कहा कि पीएफआई के खिलाफ मिले साक्ष्य को केन्द्र सार्वजनिक करे.उपेन्द्र कुशवाहा मानते हैं कि राजनीतिक वजहों से कई बार इस तरह की कार्रवाई होती है.ज़मा खान ने तो यहां तक कह दिया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता जबाब देगी.

लालू प्रसाद ने क्या कहा?

राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद ने कहा है कि पीएफआई पर जांच हो रही है.उस तरह के जितने भी संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, जिसमें आरएसएस भी शामिल है.सभी पर प्रतिबंध लगाया जाए. सबसे पहले आरएसएस को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है.राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पीएफआई पर लगे बैन पर कहा-आखिर ये संस्थाएं पांच-सात साल से क्यूं पैदा हो रही हैं?

श्रवण कुमार क्या बोले?

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि पीएफआई की तरह आरएसएस और बीजेपी पर भी लगे प्रतिबंध. देश में नफरत फैलाने वाले सभी संगठन पर बैन जरूरी.जदयू कोटे के मंत्री जमा खान ने पीएफआई को 5 साल तक बैन करने पर एतराज जताया है.उन्होंने कहा कि समुचित जांच के बाद ही करना चाहिए था बैन. 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता देगी जबाब.

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाह ने पीएफआई बैन पर कहा कि कई बार राजनीतिक वजहों से होती है इस तरह की कार्रवाई.जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि पीएफआई बैन पर अभी प्रतिक्रिया देना उचित नहीं. पीएफआई के खिलाफ मिले साक्ष्य को सार्वजनिक करे केन्द्र सरकार.

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