पटना/मंथन डेस्क

जनता दल राष्ट्रवादी ने तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी को किसानों के लम्बे संघर्ष की जीत बताया है.जेडीआर के राष्ट्रीय संयोजक अशफ़ाक़ रहमान,जो खुद भी किसान आंदोलन में जेल भरो अभियान में जेल गये थे,ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह एलान उत्तरप्रदेश,पंजाब से जुड़ी हुई राजनीति नहीं है तो सभी काले क़ानून की तुरंत वापसी होनी चाहिये.जेडीआर नेता ने कहा है कि नागरिकता संशोधन क़ानून भी अविलम्ब वापस होना चाहिये और इस आंदोलन में जेलों में बंद आंदोलन कारियों की तुरंत रिहाई की हम मांग करते हैं.

गिरफ़्तारी के दौरान थाना में अशफाक़ रहमान(फाइल)

अशफ़ाक़ रहमान का कहना है कि तीनों कृषि क़ानून संसद से पारित है तो इसे संसद में ही ख़ारिज होना चाहिये.हम मांग करते हैं कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि क़ानूनों को सरकार रद्द करे और इस आंदोलन में शहीद किसानों के प्रति संसद शोक व्यक्त करे तथा उन्हें श्रधांजलि दे.उनलोगों को भी माफी मांगनी चाहिए जो इस आंदोलन को ख़ालिस्तान और आतंकवाद से जोड़ रहे थें..अशफ़ाक़ रहमान कहते हैं कि यह जीत किसानों की तब मानी जायेगी जब उत्तरप्रदेश चुनाव में हिंदू-मुस्लिम मुद्दों पर नहीं भटकेगें और हर हर महादेव तथा अल्लाहो अकबर के नारे पर क़ायम रहेंगे.गौरतलब है कि पटना में किसान आंदोलन के दौरान अशफाक़ रहमान की गिरफ़्तारी हुई थी.

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