SERAJ ANWAR/MANTHAN TODAY
दिशोम गुरु से प्रसिद्ध शिबू सोरेन की झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में अहम भूमिका रही है. अलग राज्य बनने के बाद वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री भी रहे. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की थी. वर्तमान में वे पार्टी के संरक्षक की भूमिका में थे. वे सात बार लोकसभा के सांसद भी चुने गए. 2004 में वे मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री भी रहे.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन क्षेत्रीय जनता के लिए जीते-जागते अवतार थे.मतदाता उनमें मुक्तिदाता की छवि देखते थे.शिबू सोरेन के जीवन में कई उतार-चढ़ाव भी आए हैं.दुमका से आठ बार सांसद रहे.शिबू सोरेन जब अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरते तो उनके समर्थक जोश से भर जाते। लंबी बाल-दाढ़ी वाले इस करिश्माई नेता के निधन से झारखंड मर्माहत है.आदिवासी समुदाय के लिए शिबू सोरेन बाबा और दिशोम गुरु कहलाते थे.हैं, ‘ग़रीब लोगों की जमीन महाजनों ने छीन ली थी.गुरुजी (शिबू सोरेन) ने महाजनों से लड़कर उसे वापस दिलाया. उनमें लोग भगवान की छवि देखते थे.

झारखंड के पूर्व सीएम और पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन का सोमवार(4 अगस्त)को निधन हो गया.81 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस.सोरेन एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे.शिबू सोरेन को जून के आखिरी सप्ताह में किडनी संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था.लंबी बीमारी के बाद उन्होंने सोमवार को अंतिम सांस ली.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिता के निधन की जानकारी एक्स पर दी.
शिबू सोरेन की तबीयत खराब होने के बाद उनके बेटे सीएम हेमंत सोरेन और उनकी बहू कल्पना सोरेन भी दिल्ली पहुंची. उनके छोटे बेटे बसंत सोरेन भी दिल्ली में ही मौजूद हैं. बीमारी की सूचना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार भी शिबू सोरेन से मिलने गंगाराम अस्पताल पहुंचे थे.
“यह बताते हुए दुख हो रहा है कि शिबू सोरेन जी को लंबी बीमारी के बाद आज सुबह 8:56 बजे मृत घोषित कर दिया गया. – डॉ. एके भल्ला, अध्यक्ष, नेफ्रोलॉजी विभाग, सर गंगाराम अस्पताल