कलाम मेमोरियल ट्रस्ट ने 300 निर्धन-बेसहारा में ठिठुरती जीवन को बचाने के लिए बांटे कम्बल

MANTHAN DESK

ठिठुरती जीवन को बचाना सबसे बड़ा मानव धर्म है. कपकपाती ठंड में ग़रीब-ग़ुरबा,बेबस लोगों का सहारा बनती है कलाम साहब के नाम पर बनी संस्था.यह संस्था पिछले कई वर्षों से ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के बीच कम्बल वितरण करती है.ख़ास बात यह है कि धर्म-जाति से उपर उठ कर यह नेक काम किया जाता है.

धार्मिक नगरी गया में हुआ वितरण

हरियाणा के गुरुग्राम की गैर सरकारी संस्था डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से बिहार की धार्मिक नगरी गया के मुरारपुर मुहल्ले में इस वर्ष भी 05 जनवरी 2025 को 300 निर्धन और बेसहारा लोगों के बीच कम्बल वितरण किया गया। इस मौके पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता लालजी प्रसाद, वार्ड पार्षद दीपक कुमार, पूर्व पार्षद जसीम खान और सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद खान विशेष रूप से मौजूद रहे।

कम्बल वितरण

धर्म-जाति की तोड़ती दीवार

कंबल वितरण पिछले कई वर्षों जनवरी के पहले सप्ताह में तब किया जाता है, जब सर्दी अपने चरम पर होती है। कंबल वितरण कार्यक्रम को लेकर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल ट्रस्ट की सचिव गुलरुख जहीन का कहना है कि ट्रस्ट बिना किसी धार्मिक, जातीय भेदभाव के पिछले कई वर्षों से सामाजिक कार्य में लगा है। ट्रस्ट विशेष रूप से शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के क्षेत्र में काम करता है। जबकि संस्था के कोषाध्यक्ष नौशाद अख्तर हाशमी का कहना है कि समाज से हमें जो मिला उसे लौटाने का यह एक छोटा सा प्रयास है।

अपनी बारी का इंतेज़ार करतीं महिलाएं

ट्रस्ट का प्रयास सराहनीय:लालजी प्रसाद


कार्यक्रम में मौजूद जेडीयू नेता लालजी प्रसाद ने कहा कि ट्रस्ट का यह प्रयास दरअसल , कलाम साहब द्वारा सामाजिक क्षेत्र में किए गए कार्यों को जीविता रखना है।नगर पार्षद दीपक कुमार का कहना कि कलाम साहब के नाम पर ट्रस्ट द्वारा यह प्रयास सराहनीय है। सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद खान के अनुसार, गरीबी का कोई धर्म नहीं होता। ट्रस्ट भी बिना किसी भेदभाव के इस तरह के सामाजिक कार्य में पिछले कई वर्षों से लगा है। समाज को भी ऐसे लोगों की हौसला अफजाई करनी चाहिए ताकि ट्रस्ट के लोग सामाजिक कार्यों के लिए हमेश सक्रीय रहें।

  • Related Posts

    बिहार बंद से जनता को क्या मिला?यह आंदोलन नहीं खानापूर्ति है महाशय!

    महागठबंधन साफ़-साफ़ लोगों से आह्वान नहीं कर रहा है कि यदि दिक़्क़त पेश आ रही है तो फार्म ना भरें. विपक्ष तीखा प्रहार नहीं कर पा रहा है कि चुनाव…

    मुसलमानों ने जिसको दिया standing ovation,राहुल गांधी ने अपने मंच पर चढ़ने नहीं दिया

    SERAJ ANWAR/MANTHAN TODAY दृश्य नम्बर-1मुसलमानों में सियासी समझ कम है,अपने स्टेज को दूसरे के हवाले कर देते हैं.पटना के गांधी मैदान में ‘दस्तूर बचाओ-देश बचाओ’में यही हुआ.इमारत ए शरिया के…