SERAJ ANWAR
आज समाजवाद आहिस्ता-आहिस्ता दम तोड़ रहा है तो देवेन्द्र प्रसाद यादव जैसी शख़्सियत उम्मीदें जगाती हैं.पूर्व केन्द्रीय मंत्री आज की तारीख़ में भी घोर समाजवादी हैं.कह सकते हैं बिहार में समाजवादी विचारधारा के आख़िरी पहरुआ हैं.देश की वर्तमान राजनीतिक परस्तिथि पर जन सुराज नेता से ‘समय मंथन’ने बातचीत की है
प्रशन:गृहमंत्री अमित शाह ने बाबा साहब अम्बेडकर पर बयान दिया है,जिसको लेकर विवाद है?
उत्तर:अमित शाह सिरफिरा आदमी है.देश के गृहमंत्री के ज़िम्मेवार पद पर रहते हुए कोई सदन में बाबा साहब पर इतना आपत्तिजनक बयान कैसे दे सकता है?जिस सदन में संविधान का शपथ लिया,उसी सदन के मर्यादा को तार-तार कर दिया.संसद के मर्यादा को ही नहीं गिराया,बल्कि डिबेट के स्तर को भी अमित शाह ने गिरा दिया.
प्रश्न:इस बयान को आप क्या मानते हैं?
उत्तर:अमित शाह ने बाबा साहब अम्बेडकर को नहीं भारत की आत्मा को अपमानित किया है.संविधान भारत की रूह है,उसकी ज़मीर है.इसलिए ज़मीर वाले लोग उनके आपत्तिजनक बयान को हरगिज़ बर्दाश्त नहीं कर सकते.सिर्फ बे-ज़मीर लोग चुप हैं.अमित शाह ने घोर अपमान किया है.बाबा साहब को ये लोग हज़म नहीं कर पा रहे.
प्रश्न:बीजेपी तो कह रही है बाबा साहब का सम्मान हमसे ज़्यादा कोई नही करता?
उत्तर:मुंह मत खोलवाइये,इन लोगों ने कभी भी बाबा साहब को सम्मान देने का काम नहीं किया.26 नवम्बर,1949 को बाबा साहब ने संविधान का ड्राफ़्ट तैयार चेयरमैन की हैसियत से इसे संविधान सभा में भेजा.11 दिसम्बर,1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत और स्वीकृत कर लिया गया.इसके विरोध में आरएसएस जो धर्मरूढ़ि संगठन है,उसने संविधान की प्रति जलाया और पुतला दहन किया था.आज भी इनके यहां मनुवादी कल्चर ख़त्म नहीं हुआ है.75 साल बाद भी ये लोग संविधान विरोधी हैं,संविधान के पक्षकार नहीं हो सके.
प्रश्न:बीजेपी से इतना ग़ुस्सा क्यों हैं?
उत्तर:बीजेपी उन्मादी धारा की पार्टी है.देश के अमन-चैन को ख़त्म करना चाहती है.देश में तेल,खनिज की खोज होनी चाहिए तो ये मस्जिद के अंदर मंदिर के लिए खोदाई कर रहे हैं.हर चीज़ को धर्म से जोड़ा जा रहा है.हिन्दू-मुस्लिम के अलावा इनके पास कुछ है नहीं.साम्प्रदायिकता फैला कर धर्म पर क़ब्ज़ा करना चाहती है.एक दल से धर्म से जोड़ा जा रहा है.बीजेपी,अमित शाह को धर्म और राजनीति का अंतर नहीं मालूम है.धर्म अलग है,राजनीति अलग है.
प्रश्न:अम्बेडकर पर आपकी पार्टी(जन सुराज)का लाइन अलग है?
उत्तर:यहां पार्टी का सवाल नहीं है.बाबा साहब के के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं.अमित शाह को तुरंत माफी मांगनी चाहिए यदि अमित शाह ने देश से माफी नहीं मांगी तो हम समाजवादियों,धर्मनिरपेक्ष और अमन पसंद लोगों को जमा कर ज़बरदस्त प्रोटेस्ट करेंगे.अम्बेडकर पर सबको एक होना होगा.यह भारत के मूल आत्मा का सवाल है.