मोनाज़िर हसन ने भी जन सुराज कोर कमिटी से दे दिया इस्तीफ़ा

SERAJ ANWAR

कल समय मंथन ने ख़बर दी थी,डॉ.मोनाज़िर हसन भी जन सुराज की राज्यस्तरीय कमिटी से इस्तीफ़ा दे सकते हैं.सोमवार को क़द्दावर मुस्लिम नेता ने प्रशान्त किशोर को अपना इस्तीफ़ानामा भेज दिया है.उन्होंने अपरिहार्य कारणों से जंबो-जेट कोर कमिटी में रहने से मना कर दिया है.त्याग-पत्र पार्टी के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती को भेजा गया है,उसकी कॉपी जन सुराज के सूत्रधार प्रशान्त किशोर को भी भेजी गयी है.इससे पहले देवेन्द्र प्रसाद यादव ने कोर कमिटी से त्याग-पत्र दे दिया था.मोनाज़िर हसन के इस्तीफ़ा से जन सुराज को ज़बरदस्त झटका लगा है.पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री डॉ.मोनाज़िर हसन प्रदेश की राजनीति में बड़े मुस्लिम चेहरा हैं.उनके चेहरा को भुनाने के लिए ही मोनाज़िर हसन को प्रशान्त किशोर ने अपने साथ किया था.बेशक,पीके एक बड़े रणनीतिकार रहे हैं मगर अपनी ख़ुद की पार्टी उनसे संभल नहीं रही है.एक-एक कर मुस्लिम चेहरे जिनका समुदाय पर मज़बूत पकड़ है,सम्मान नहीं मिलने के कारण जन सुराज से निकलते जा रहे हैं.मोनाज़िर हसन की पहचान जन सुराज से नहीं है,वे एक बार सांसद और राबड़ी-नीतीश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं.जन सुराज को मोनाज़िर हसन से पहचान मिली है.जन सुराज ने लगता है उनके सम्मान को आघात पहुँचाया है.वे जिस पार्टी में रहे अपने सम्मान से कभी समझौता नहीं किया.

त्याग-पत्र में किया कहा गया है

आदरणीय अध्यक्ष जी
नमस्कार

सुत्रों से ज्ञात हुआ है कि जन सुराज ने राज्यस्तर पर 125 अथवा 151 लोगों की कोर कमिटी का गठन किया है।इस सम्मान के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
लेकिन अपरिहार्य कारणों से मैं इस कोर कमिटी में नहीं रहूंगा हमारा कोर कमिटी से इस्तीफ़ा स्वीकार किया जाय।जहां तक जन सुराज पार्टी में रहने का सवाल है मैं एक सदस्य के रूप में जन सुराज में मजबुती के साथ बना रहूंगा।

धन्यवाद

भवदीय

(डॉ० मोनाज़िर हसन)

प्रतिलिपि :- सूचनार्थ
श्रीयुत प्रशांत किशोर जी सुत्रधार व संस्थापक जनसुराज पार्टी

कौन हैं मोनाज़िर हसन?

  • 1995 से 2009 तक मुंगेर से लगातार चार बार बिहार विधान सभा के सदस्य रहे
  • 2000 से 2004 तक बिहार सरकार में युवा एवं खेल राज्य मंत्री रहे.
  • 2005 से 2008 तक बिहार सरकार में भवन निर्माण विभाग में कैबिनेट मंत्री रहे
  • 2009 से 2014 तक बेगुसराय लोकसभा से सांसद रहे.
  • हिन्दू-मुस्लिम दोनों समुदाय में लोकप्रियता है.
  • लालू-नीतीश के क़रीबी मुस्लिम नेता रहे हैं.

किशोर कुमार मुन्ना मनाने पहुंचे थे घर

मोनाज़िर हसन को मनाने के लिए प्रशांत किशोर ने अपने नेता पूर्व विधयक किशोर कुमार मुन्ना को उनके अली नगर आवास पर भेजा था. उनको मनाने की कोशिश की थी.कल किशोर कुमार मुन्ना ने कहा था कि कोई नेता नाराज नहीं है.उनकी छोटी-छोटी शिकायतें हैं, जिसका समाधान प्रशांत किशोर कर रहे हैं.लगता हैं प्रशान्त किशोर अपने मुस्लिम नेता को मनाने में विफल रहे.मुसलमानों को जोड़े रखने में पीके की रणनीति काम नहीं आ रही है.जन सुराज की कुल जमा पूंजी मुसलमान ही है जिस तेज़ी से मुसलमान निकल रहे हैं उससे जन सुराज का भविष्य विधान सभा चुनाव से पूर्व अंधकारमय दिख रहा है.मुसलमान जन सुराज के साथ शिद्दत के साथ जुड़े थे चंद ही महीने में उन्हें मायूसी हाथ लगी है.दरअसल,प्रशान्त को डिकटेट करने की आदत रही है.आरोप है कि रणनीतिकार रहते कई बार के सांसद,विधायक को खड़ा कराए रखते थे.वह आदत शायद गयी नहीं है.अब पीके रणनीतिकार नहीं राजनेता बन गये हैं तो अपमान क्यों बर्दाश्त करेगा?कुल माअमला सम्मान और अपमान का है.नेताओं का कहना है कि सम्मान भी नहीं दे सकते तो आपसे चाहिए क्या?अपने-आप में सब सक्षम है.ऐसे बिहार कैसे बदलेगा.व्यवस्था बदलने आये लोग आइ-पैक के सिस्टम के शिकार हो रहे हैं और शायद इसमें प्रशान्त किशोर की भी सहमति है?

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